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पाइल्स, जिन्हें हेमोराइड्स के रूप में भी जाना जाता है, एक बहुत ही आम और चिकित्सीय समस्या है जो गुदा क्षेत्र में विकसित होती है। यह समस्या महिलाओं और पुरुषों को दोनों प्रभावित करती है और खुद हेमोराइड्स के बारे में जागरूकता कम होने के कारण यह अक्सर अधिक गंभीर बदलावों और स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन जाता है।

महिलाएं, खासकर गर्भवती महिलाएं, किसी भी चरण में हेमोराइड्स के बढ़ते दबाव के कारण पीड़ित हो सकती हैं। इसलिए, उन्हें इस समस्या की पहचान करने और इसके सामान्य लक्षणों को समझने के लिए सक्षम रहना महत्वपूर्ण है। सुभाष नगर में पाइल्स के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला डॉक्टर की खोज करने वाली महिलाओं के लिए यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, जो उन्हें इस समस्या के समाधान की दिशा में आगे बढ़ने में मदद कर सकता है।

हेमोराइड्स (पाइल्स) क्या होते हैं?

पहले ही चरण में हेमोराइड्स को जानने के लिए, हमें यह समझना होगा कि ये क्या होते हैं और उनके कारण क्या होते हैं। हेमोराइड्स या पाइल्स वे गिंदों होते हैं जो गुदा के आसपास की नसों में फूलने और सूजने के कारण बनते हैं। ये आमतौर पर मलाशय में सूजन और डर्ड के साथ जलन या खुजली का कारण बनते हैं। हेमोराइड्स बड़े होने पर मलाशय के बाहर बहुत दर्द और असुविधा का कारण बन सकते हैं।

कारण:

  • अधिक कब्ज: अगर आपका पेट सामान्य से अधिक समय तक साफ नहीं होता, तो कब्ज के कारण पाइल्स हो सकते हैं.
  • बड़े बढ़े भारी वस्त्र पहनना: बड़े वस्त्र पहनकर ज्यादा दबाव पड़ता है और इसके कारण पाइल्स हो सकते हैं.
  • ज्यादा बैठकर काम करना: अगर आपका रोज़ लम्बा समय बैठकर काम करना पड़ता है, तो भी पाइल्स हो सकते हैं.
  • गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान रक्तचाप में वृद्धि होती है, जिससे पाइल्स हो सकते हैं.

लक्षण:

  • पेशाब के साथ रक्त के बूँदें आना.
  • गुदा क्षेत्र में खुजली और दर्द.
  • गुदा क्षेत्र में सूजन और लालिमा.
  • मलत्याग में दर्द और खून आना.
  • पाइल्स से बचाव के उपाय:

  1. प्राकृतिक आहार: अधिक फाइबर युक्त आहार खाना, जैसे कि फल, सब्जियाँ, और पूरे अनाज.
  2. पानी पीना: दिन में अधिक पानी पीना, ताकि स्थूलियों को आसानी से पार किया जा सके.
  3. नियमित व्यायाम: योग और प्राणायाम करना पाइल्स से बचाव में मददगार हो सकता है.
  4. सफाई: साफ-सफाई का ध्यान रखना और गुदा क्षेत्र को स्वच्छ रखना महत्वपूर्ण है.
  5. दवाइयाँ: डॉक्टर की सलाह पर उपयुक्त दवाइयाँ लेना.

पाइल्स (बवासीर) का आयुर्वेदिक इलाज:

  1. त्रिफला: त्रिफला एक प्रमुख आयुर्वेदिक दवा है जो पाइल्स के इलाज में मदद कर सकती है। इसे हर दिन रात को गरम पानी के साथ लेने से कब्ज कम होती है और गुदा क्षेत्र में सूजन को कम करने में मदद मिलती है।
  2. अर्शकल्प वटी: यह आयुर्वेदिक दवा पाइल्स के लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकती है। इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर करें।
  3. सिट्ज बॉथ (गरम पानी में बैठक): रोज़ गरम पानी में बैठक करने से पाइल्स के दर्द में राहत मिल सकती है।
  4. आयुर्वेदिक आहार: अपने आहार में फाइबर युक्त आहार शामिल करें, जैसे कि फल, सब्जियाँ, और अनाज।
  5. योग और प्राणायाम: योग और प्राणायाम के अभ्यास से पाइल्स के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
  6. त्रिप्हला घृत: त्रिफला घृत का सेवन भी पाइल्स के इलाज में किया जा सकता है। इसे डॉक्टर की सलाह पर लें।

कृपया ध्यान दें कि पाइल्स के इलाज के लिए सही दवाइयों की जरूरत होती है, और आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। विशेषज्ञ के परामर्श के बिना किसी आयुर्वेदिक उपचार का सेवन न करें।आप अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं या कॉल कर सकते हैं- +91-8010931122

अधिक जानकारी के लिए पढ़े :- पाइल्स के इलाज



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